उत्तर प्रदेश में महिला के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसका ताजा मामला एक बार फिर से देखने को मिला है। बुलंदशहर में पुलिस द्वारा कार्रवाई में देरी करने से व्यथित सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता ने आत्मत्या कर ली। परिजनों ने पुलिस की निष्क्रियता को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 19 वर्षीय पीड़िता कानून की छात्रा थी, जिसने सोमवार को खुदकुशी कर ली। अपने पीछे वह सुसाइड नोट छोड़ गई है जिसमें उसने अपनी दुखद दास्तां बयां की है। सुसाइड नोट के अनुसार, पीड़िता ने कहा कि 3 अक्टूबर को उसका कमरुद्दीन नाम के युवक और उसके तीन दोस्तों ने अपहरण कर लिया था। पीड़िता ने आरोप लगाया कि फिर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
पीड़िता ने अनूपशहर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उसने कहा कि कमरुद्दीन ने उससे माफी मांगी और उससे शादी करने की भी पेशकश की जिसके बाद उसने शिकायत के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया। 16 अक्टूबर को, कमरुद्दीन और उसके दोस्तों ने फिर से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और पुलिस ने 24 अक्टूबर को उसकी शिकायत पर मामला दर्ज किया लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़िता के पिता ने स्थानीय पत्रकारों से कहा कि उनकी बेटी ने खुदकुशी कर ली क्योंकि वह पुलिस की निष्क्रियता से परेशान थी। वहीं, इस घटना के सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। लोग इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर नराजगी जता रहे हैं।
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संतोष कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जांच अधिकारी, जिन्होंने स्पष्ट रूप से अपनी शिकायत में जांच में देरी की है, को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “अनूपशहर के इंस्पेक्टर और सर्कल अधिकारी की भूमिका की जांच एसपी क्राइम द्वारा की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।” (इंपुट: आईएएनएस के साथ)