कर्नाटक के 14 बागी विधायक बेंगलुरू में विधानसभा अध्यक्ष को अपने त्यागत्र सौंपकर गुरुवार शाम मुंबई के होटल में लौट आए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को यह जानकारी दी। भाजपा नेता ने कहा कि विधायक उपनगरीय पोवई स्थित होटल रेनेशॉ लौट आए हैं और वे वहां दो दिन और रुकेंगे।

यह विधायक कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर और कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की 13 महीने पुरानी सरकार से समर्थन वापस लेकर शनिवार से यहां ठहरे हुए हैं। ऐसे में कर्नाटक की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भाजपा ने कहा, “उन्होंने आज कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के समक्ष अपने त्यागपत्र पेश किये और मुंबई लौट आए।”
वहीं बेंगलुरू में विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि विधायकों ने “सही प्रारूप” में अपने त्यागपत्र पेश किए और वह समीक्षा करेंगे कि वे “स्वैच्छिक और वास्तविक” हैं या नहीं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों के इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं या दबाव में इसकी प्रमाणिकता की जांचने में मुझे रातभर का वक्त लगेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुझे फैसला लेने को कहा है। मैंने हर चीज की वीडियोग्राफी की है। ये सभी चीजें मैं कोर्ट को भेजूंगा। मैं पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभा रहा हूं।
साथ ही कर्नाटक विधानसभा स्पीकर ने कहा, ‘बागी विधायकों ने मुझे बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी थी और वे डर से मुंबई गए थे। लेकिन मैंने उनसे कहा कि उन्हें मुझसे संपर्क करना चाहिए था और मैं उन्हें सुरक्षा दिलाता। केवल तीन कार्य दिवस ही बीते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा व्यवहार किया जैसे कोई भूकंप आया हो।’
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कर्नाटक में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस-जदएस के 10 बागी विधायकों को शाम 6 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करने का निर्देश दिया। इसके बाद मुंबई के होटल में ठहरे सभी विधायक बेंगलुरू के लिए रवाना हुए। उनके आने से करीब 2 घंटे पहले मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
बागी विधायकों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि स्पीकर रमेश कुमार बिना देरी किए इस्तीफे पर फैसला लें और शुक्रवार को इससे कोर्ट को अवगत कराएं। कर्नाटक पुलिस विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा कि धीमी सुनवाई के आरोपों से वह दुखी हैं। किसी भी बागी विधायक ने मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा था। मैं 6 जुलाई को 1.30 बजे तक अपने दफ्तर में था, फिर मैं किसी निजी काम से चला गया। विधायक 2 बजे दफ्तर आए, उन्होंने पूर्व में कोई समय भी नहीं लिया था। (इनपुट- भाषा के साथ)