हरियाणा के जींद जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम को ज्यादा कठोर बनाने सहित अपनी कई मांगें पूरी ना होने पर करीब 120 दलितों ने धर्मांतरण कर बौद्ध धर्म अपना लिया।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, दलित नेता दिनेश खापड़ ने यह दावा किया। सोमवार(4 जून) को उन्होंने कहा कि दलित इस साल जींद में हुई एक दलित लड़की के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले की सीबीआई से जांच कराने और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम को ज्यादा कठोर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाने की मांग को लेकर करीब चार महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
दिनेश खापड़ ने कहा, ‘सात मार्च को हमने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एक बैठक की थी। तब उन्होंने कहा था कि 15 दिनों में हमारी मांगें मान ली जाएंगी।’ लेकिन इसके बाजवूद मांगें पूरी नहीं हुईं और 31 मई को जींद जिले के 120 दलितों ने दिल्ली में बौद्ध धर्म अपना लिया। विरोध प्रदर्शनकारी जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए दो सुरक्षाकर्मियों के परिजनों के लिए नौकरी की भी मांग कर रहे थे। वे जींद में मारे गए एक व्यक्ति के परिजन के लिए भी सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे।
खापड़ ने कहा, ‘20 मई को हमने एक और हफ्ते का समय दिया और धमकी दी कि मांगें पूरी ना होने पर हम धर्मांतरण कर लेंगे। मुख्यमंत्री ने 26-27 मई को जींद का दौरा किया लेकिन हमसे नहीं मिले। इसके बाद हमने दिल्ली की पदयात्रा शुरू की जहां हमने 31 मई को धर्मांतरण किया।’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘इस सरकार ने अपना दलित विरोधी रवैया दिखा दिया और हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचा था।’ दलित नेता ने कहा कि सरकार अगर अब भी उनकी मांगें नहीं मानती तो ‘हजारों अन्य (दलित) अगस्त में बौद्ध धर्म अपना लेंगे।’
गौरतलब है कि, पिछले कुछ समय में देश में दलितों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है, इसके अलावा हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट में बदलाव किए गए। जिसके बाद दलितों का रोष देखने को मिला था।