केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बताया है कि पिछले साल देश भर में कुल 822 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं जिनमें 111 लोगों की मौत हो गई और 2,384 लोग घायल हो गए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने मंगलवार (6 फरवरी) को लोकसभा में यह जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सबसे अधिक सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं। यहां 195 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में 542 लोग घायल हो गए, जबकि 44 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक का नंबर आता है, जहां 100 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 229 लोग घायल हो गए।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक वहीं, बीजेपी शासित राज्य राजस्थान में दंगे की 91 घटनाएं हुईं। इनमें 12 लोग मारे गए, जबकि 175 लोग जख्मी हो गए। मंत्री ने अपने बयान में बताया कि बिहार में साल भर में 85 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं। इनमें 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 321 लोग घायल हो गए। मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की 60 घटनाएं हुईं। इनमें 9 लोग मारे गए और 191 घायल हो गए।
ममता बनर्जी के शासन वाले पश्चिम बंगाल में 58 दंगे हुए, जिनमें 9 लोगों की मौत हो गई और 230 लोग जख्मी हुए। इसके अलावा लंबे समय से बीजेपी शासित राज्य गुजरात में सांप्रदायिक झड़पों के 50 मामले सामने आए। इनमें 8 लोग मारे गए, जबकि 125 घायल हो गए।