विदेशी चंदे मामले को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संस्था ग्रीनपीस को फिलहाल राहत दे दी है।
पिछले दिनों गृह मंत्रालय ने ग्रीनपीस का वह पंजीकरण रद्द कर दिया था जिसके तहत संस्था को विदेशी फंड मिलते हैं। मंत्रालय ने कहा था कि संस्था ने कानून का उल्लंघन किया है और राजनीतिक गतिविधियों के लिए भी पैसा लगाया है। जिसके कारण ग्रीनपीस के सात बैंक खातों को भी सील कर दिया गया था।
सरकार के इस कदम के खिलाफ ग्रीनपीस ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया जहां संस्था का भारतीय चैप्टर पंजीकृत है। अपनी याचिका में ग्रीनपीस ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि अपने पिछले मंसूबे में कामयाब नहीं होने के बाद सरकार, विदेशी चंदे से जुड़े कानून का कठोर और असंवैधानिक रूप से इस्तेमाल कर रही है।
याचिका में लिखा था ‘पहले उन्होंने याचिकाकर्ता का पंजीकरण निलंबित किया और इसके बाद याचिकाकर्ता के उन बैंक अकाउंट को सील करने का आदेश भी दे दिया जो पूरी तरह से घरेलू चंदा जमा करने के काम में लाए जाते थे।’
एक ट्वीट में ग्रीन पीस इंडिया ने लिखा है ‘इस साल लगातार यह चौथी बार है जब गृह मंत्रालय की कार्यवाही के खिलाफ अदालत ने हमारा बचाव किया।’