कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, “इस विषय पर हमारे विकल्प खुले हुए हैं।” आजाद से पूछा गया था कि क्या विधेयक के कुछ मुद्दों पर पार्टी विरोध में अड़ी रहेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या वित्त मंत्री जीएसटी विधेयक पर विपक्ष की चिंता को पहले ही खारिज कर चुके हैं, आजाद ने कहा, “मैंने सर्वदलीय बैठक में मंत्री के सामने यह मुद्दा उठाया था।”
उन्होंने कहा, “दो समाचार पत्रों ने उनके बयान को अलग-अलग तरीके से पेश किया। एक ने कहा कि वह विपक्षी दलों से मिलेंगे। दूसरे के मुताबिक मंत्री ने कहा कि विपक्ष का सुझाव निर्थक है।”
आजाद ने कहा, “जब मैंने पूछा कि उनका कौन-सा बयान सही है, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि विधेयक पर चर्चा होगी।”
उन्होंने कहा, “हमारे लिए हर विधेयक महत्वपूर्ण है। जीएसटी पर हमने स्पष्ट कर दिया है कि यह हमारा विधेयक था और इसे कांग्रेस ने तैयार किया है। हम इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं। हमारी चिंता जायज है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हमारी राय यह है कि विधेयक उद्योग हितैषी, व्यापार के अनुकूल और ग्राहक के लिए हितकारी होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “इसलिए हम 18 फीसदी कर की ऊपरी सीमा चाहते हैं। अन्य देशों में यह 14 फीसदी है। अपने देश में हालांकि कोष जुटाने की जरूरत को देखते हुए हमने कहा कि यह 18 फीसदी होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “(शीत कालीन सत्र में) असहिष्णुता, महंगाई, किसानों की समस्या, बाढ़ की स्थिति, सांप्रदायिक तनाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।”
आजाद ने कहा, “हम महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बाल श्रम और ललित मोदी के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा करेंगे।”
उन्होंने कहा, “विपक्ष सरकार के साथ सहयोग करेगा, लेकिन विपक्ष की चिंता पर सरकार को ध्यान देना है।”
आजाद ने कहा, “यह सरकार को सोचना है कि वह सरकार चलाना चाहती है या नहीं।”