आजम ने कहा, ‘हैं 10वीं पास, लेकिन 12वीं फेल ये मंत्री साहिबा मुसलमानों से उनके विश्वविद्यालय छीनने की साजिश रच रही हैं। उन्हें ए.एम.यू. के बारे में ऐसी राय रखने और उसमें दखल देने से पहले सोचना चाहिए। इस मामले में जरूरी है कि प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें ।’
आजम खान ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी किसी की खैरात नहीं है। ये लाखों-करोड़ों मुसलमानों के जज्बातों की कब्रों पर तामीर है। इसे बर्बाद नहीं होने देंगे। ये चुनौती नही है, लेकिन चुनौती जैसा जरूर है।
उन्होंने कहा, ‘हम ए.एम.यू. नहीं देंगे, हम जामिया नहीं देंगे। बीजेपी और आर.एस.एस. अच्छी तरह से समझ लें हम जौहर यूनीवर्सिटी भी नहीं देंगे. हिन्दुस्तान आर.एस.एस. के कानून से नहीं, संविधान से चलेगा। अपने अक्लियतों पर कायम रहने का हक संविधान से सबको हासिल है. तालीमी इदारे कायम करने का हक भी संविधान हमें देता है ।’
वहीं दूसरी और जया प्रदा के बारें में बोलते हुए उन्होंने कहा कि रामपुर में आयी आम्रपाली की नाचने वाली भी एम.पी. बन गयी लेकिन हम कमनसीब रामपुर वाले उनका एक ठुमका भी न देख पाएं।
वहीं उन्होंने फिर से साक्षी महाराज पर अपनी शिष्या के बलत्कार का आरोप लगाते हुए कहा कि बी.जे.पी. ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाए आरोपी की टिकट दिया और एम.पी. बनवा दिया। आगे उन्होंने शाही जामा मस्जिद के इमाम बुखारी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह नेताओं के यहां से ब्रीफकेस लाना छोड़ दे और इमामत करे; अगर सियासत का इतना ही शौक है तो रामपुर से हमारे सामने पर्चा भरे।