देश के सबसे बड़े व्यापार मेले का 35वां संस्करण नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शनिवार को शुरू हो गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे विश्व के अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध मजबूत करने की दिशा में एक अवसर बताया।
मुखर्जी ने यहां अपने उद्घाटन संबोधन में कहा, “भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) एक ब्रांड बन चुका है, जो दुनियाभर में लोकप्रिय है। इस वार्षिक व्यापार मेले से विश्व के अन्य देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे।
दो सप्ताह तक चलने वाला यह व्यापार मेला 27 नवंबर को समाप्त होगा। पहले पांच दिन सिर्फ कारोबारियों के लिए आरक्षित हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि वैश्विक स्तर के इस कार्यक्रम में 28 देश हिस्सा लेंगे। आईआईटीएफ के इस संस्करण का थीम प्रधानमंत्री मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ अभियान है।
इस साल अफगानिस्तान व्यापार मेले का साझीदार देश है। बांग्लादेश भी विशेष देश के तौर पर इसमें शामिल है, जबकि गोवा और झारखंड साझेदार राज्य और मध्य प्रदेश विशेष राज्य के तौर पर भागीदारी कर रहा है।
आयोजकों के मुताबिक, भारत और दुनियाभर से 7,000 से अधिक कंपनियां इस मेले में शिरकत कर रही हैं। इसमें मिस्र, भूटान, चीन, क्यूबा, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, थाईलैंड, तिब्बत, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देश हैं।
इस मेले में पिछले साल 14 लाख से अधिक लोग आए थे, जो 2013 की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक है।