विविधता में एकता का केंद्रबिंदु है बहुलतावाद को मानना: प्रणब मुखर्जी

0

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत की विविधता में एकता का बुनियादी तत्व बहुलतावाद में विश्वास और इसकी स्वीकार्यता है।

उन्होंने कहा कि बहु धार्मिक पच्चीकारी ने राष्ट्र को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सांप्रदायिक सद्भाव की खूबसूरत जगह बना दिया है।

डाईओसीज ऑफ कोलकाता के द्विशती समारोहों के समापन समारोह में रविवार को राष्ट्रपति ने कहा, “भारत को अपने बहुलतावादी आदर्शों पर गर्व है। भारत में इसकी सभी को समाहित करने की क्षमता की वजह से कई बड़े धर्म फले-फूले। इसने सदियों के दौरान हमारी सभ्यता को एक निश्चित शक्ल दी।”

राष्ट्रपति ने कहा कि सभी धर्म मानवता की बुनियादी शिक्षा देते हैं। सभी धर्म, आस्था, विश्वास दूसरे के विचारों को स्वीकार करने और सम्मान देने की शिक्षा देते हैं।

उन्होंने कहा कि देश में लोग लंबे समय से सौहार्दपूर्वक रह रहे हैं। एक व्यवस्था, एक प्रशासन, एक संविधान, 130 करोड़ लोग, रोजाना इस्तेमाल होने वाली 100 भाषाएं, रोजाना इस्तेमाल होने वाली 1600 बोलियों का होना विलक्षण है।

Previous articleLadakh region freezes at -12-degree Celsius
Next articleWhistleblower Sanjiv Chaturvedi requests allocation of work