शहर भर में मुफ्त वाई-फाई कनेक्टिविटी प्रदान करने के अपने चुनाव पूर्व प्रतिबद्धता को लागू करने की दिशा में आम आदमी पार्टी ने एक कदम आगे बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक़, वाई-फाई परियोजना प्रस्ताव की मंजूरी के लिए कैबिनेट में गंभीरता से विचार कर रही है।
उम्मीद की जा रही है कि सितम्बर के तीसरे हफ्ते तक ये कोशिश पूरी हो जाएगी। दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ऐसे ही कुछ 1,000 स्थानों की पहचान करने की प्रक्रिया में व्यस्त है। साथ ही साथ दिल्ली सरकार ने पहले ही व्यापार मॉडल और प्रौद्योगिकीय रणनीतियों पर इच्छुक व्यक्तियों, संगठनों और हितधारकों की एक सूची तैयार कर ली है।
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना ने कहा, “इन मुद्दों से जुड़े तकनीकी और व्यवहार्यता पर अध्ययन, वाई-फाई दिल्ली संवाद आयोग और दिल्ली सरकार के आईटी विभाग की टास्क फोर्स द्वारा पूरा किया गया है.”
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल खुद गूगल, फेसबुक, एरिक्सन और वोडाफोन के परामर्श से वाई-फाई परियोजना की निगरानी कर रहें हैं। दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक, निविदा दस्तावेज लगभग तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री वाई-फाई की व्यवहार्यता के बारे में अभी पूछताछ कर रहे हैं और ‘मुख्यमंत्री चाहते है की इसमें किसी भी तरीके की कोई गलती न हो।’
सूत्रों के मुताबिक, यदि सब कुछ ठीक काम करता है तो यह योजना इस साल अक्टूबर में प्रस्तुत कर दी जाएगी। संभावना है कि सितंबर में दिल्ली सरकार द्वारा इसका प्रस्ताव रखा जाएगा।
वाई-फाई हॉटस्पॉट के प्रस्ताव के अनुसार, 512 केबीपीएस की एक न्यूनतम इंटरनेट की गति को अनिवार्य बनाया जाएगा। आईटी विभाग प्रति दिन 50 एमबी तक डाटा यूसेज की सीमा तय करने पर विचार कर रहा है।
यदि कोई भी व्यक्ति वीडियो, वीडियो चैट या कोई भी अन्य सामग्री को डाउनलोड करने में रुचि रखता है, तो उसे अतिरिक्त पैसे का भुगतान करना होगा, क्यूंकि सरकार केवल ब्राउज़िंग वेबसाइटों, सोशल मीडिया, ईमेल, व्हाट्सप्प आदि के लिए मुफ्त वाई-फाई सेवा प्रदान करेगी।