जहां आजकल जुर्म को बढ़ता देख लोगों का पुलिस पर से विश्वास उठता जा रहा है, वहीं कुछ ऐसे अफसर भी है जो फ़र्ज़ निभाकर अपनी पद का सम्मान बनाये रखते हैं।
एक दिन पहले नासिक के कुम्भ मेले में एक बहादुर पुलिस अफसर, मनोज बरहते ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए एक इंसान को आत्महत्या करने से बचाया थ.
उधर दूसरी ओर ऐसा ही कुछ एक आईएएस अफसर यू सगायम ने, सबूतों की सुरक्षा के लिए कब्रिस्तान में पूरी रात गुज़ार कर कर दी। अपने फ़र्ज़ को निभाने की ऐसी निष्ठा बहुत मुश्किल से देखने को मिलती है।
सारा मामला तमिलनाडु के मदुरई में 16 हज़ार करोड़ के ग्रेनाइट घोटाले का है। इस घोटाले की जांच के लिए आईएएस अफसर यू सगायम को हाई कोर्ट ने लीगल कमिशनर के तौर पर नियुक्त किया है।
शनिवार को इस घोटाले से जुड़े एक दूसरे मामले में दफनाए गए कुछ शवों को फॉरेंसिक जांच के लिए बहार निकालना था। सगायम कल शाम मदुरई से जुड़े एक गावों के एक कब्रिस्तान में अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचे। लेकिन उस वक़्त जिला प्रशासन और पुलिस ने खुदाई के लिए अक्षमता ज़ाहिर करते हुए मना कर दिया। जिसके बाद वापस लौटने की बजाए सगायम ने वहीं कब्रिस्तान में रात बिताने का तय किया।
हालांकि उनके सहयोगी अधिकारीयों ने उनको इस बात पर काफी समझाया और लौटने को कहा लेकिन सगायम अपनी बात पर अड़े रहे। उनके सहयोगी अधिकारी ने बताया कि सगायम इस बात से परेशान थे कि कहीं उनके जाने के बाद मिले हुए सुबूतों के साथ किसी तरह की छेड़-छाड़ न हो। रात को उसी कब्रिस्तान में सगायम के लिए एक चारपाई डलवा दी गयी।
अगले दिन यानि रविवार को सुबह होते ही सगायम सर्किट हाउस चले गए। जहां से तैयार होकर फिर से मौके पर पहुंच गए। तुरंत ही खुदाई शुरू कर दी गयी और जांच में कुछ शवों के अवशेष मिले। इस घोटाले के मुख्या आरोपी मेलूर के ग्रेनाइट कारोबारी पीआर पलानिस्वाम्य है। इस पर आरोप है कि कारोबार को बढ़ाने के लिए उन्होंने 12 लोगोंकी बलि दी है। और उन शवों को नदी के किनारे एक कब्रिस्तान में दफनाया गया था।